जहां जहां बसें एक गुजराती वहाँ सदाकाल गुजरात

पारसी कवि श्री आर्देशर खबरदार ने उनकी एक कवितामें लिखा है की ‘ जहां जहां बसें एक गुजराती वहाँ सदाकाल गुजरात’
सितम्बर के शुक्रवार की वो शाम – अमरीकाके फ्लोरिडा राज्य स्थित टाम्पा शहरमे जब मैंने अपना प्रथम तरंग छेड़ा तो लोग झूम उठे और करने लगे गरबा ! ये देखिये उम्र का कोई बंधन नहीं – केवल जोश । सलाम है इन बहनों को !


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