संगीत सम्मलेन भाग ३:

उस्ताद मोहमद खान ने फिर अपने माथे पे हथेली रख झांक कर ऑडिटोरियम में बैठे हुए श्रोता गण की संख्या का  अंदाजा लगाया । बेचारा असलम खान ! बोर होते होते जम्भाई के अलावा और क्या करता  ? सज धज के एक जवान चुलबुली सी लड़की स्टेज पे तानपुरा बजाने हाजिर हुई।  ऐसे में  मोहन … More संगीत सम्मलेन भाग ३: